Tuesday, June 26, 2018

“समय की कीमत अखबार से पूछो
जो सुबह चाय के साथ होता है वही रात् को रद्दी हो जाता है”

ज़िन्दगी मे जो भी हासिल करना हो..
उसे वक्त पर हासिल करो.!
क्योंकि…
ज़िन्दगी मौके कम
और…
अफसोस ज्यादा देती हे.!!
आप कब सही थे
इसे कोई याद नहीं रखता,
आप कब गलत थे
इसे कोई नहीं भूलता! 
आधी जिंदगी गुजार दी
हमनें पढ़ते-पढ़ते
और सीखा क्‍या ?
”एक दूसरे को नीचा दिखाना” 

Ashok Jain

Author & Editor

Has laoreet percipitur ad. Vide interesset in mei, no his legimus verterem. Et nostrum imperdiet appellantur usu, mnesarchum referrentur id vim.

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